कई बार कुछ महिलाएं नही चाहते हुए भी गर्भवती हो जाती है तथा इसके बाद इस अनचाही प्रेगनेंसी हेतु गर्भपात करने का सोचने लगती है. इसी विषय पर आज हम चर्चा करेंगे की गलती से प्रेग्नेंट हो जाए तो क्या करें तथा इस हेतु तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करें. सबसे पहले तो यह जानते हैं की गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये और काढ़ा पीने से गर्भपात होता भी है या नही. विभिन्न गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में आप पहले ही जान चुके हैं तथा उनमें से एक घरेलू उपाय जो तुलसी के पत्ते से संबंधित था, उस बारे में विस्तार से चर्चा आज के लेख में करेंगे. तुलसी के पते तथा इसके बीज के सेवन से गर्भवती महिला के गर्भाशय में संकुचन बढ़ता है जो तुलसी के पत्ते से गर्भ गिराए जाने का कारण बनता हैं.
तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करें
तुलसी के पत्ते का सेवन करना हमेशा सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है लेकिन क्या आप जानते है की गर्भावस्था के दौरान तुलसी के पत्ते, बीज का सेवन करने से गर्भपात हो सकता है. जी हां गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय के तहत तुलसी का अन्य हर्बल के साथ चाय या काढ़ा पीने से गर्भपात होने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है क्योंकि तुलसी के पत्तो में बहुत ज्यादा मात्रा में मर्करी लेवल होता है तथा इस तरीके से गर्भपात करने के घरेलू उपाय का प्रयोग कई महिलाएं करती भी है. तुलसी के पत्तो में इयूजेनोल नामक एंजाइम और विटामिन सी की प्रचुरता होती है तथा जैसा की इस विषय पर पिछले लेख क्या खाने से मिसकैरिज होता हैं और प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए को पढ़कर आप जान चुके हैं की विटामिन सी की प्रचुरता वाले खाद्य पदार्थ मिसकैरेज का कारण बनते हैं. तुलसी के पत्ते से गर्भ कैसे गिराए तो इस हेतु काढ़ा बनाया जाता है तथा इसका लगातार सेवन करने से गर्भपात हो जाता है. गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये तथा इसका उपयोग किस प्रकार करें, इस बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये
गर्भपात के लिए काढ़ा बनाने हेतु सामग्री
- आधा लीटर पानी
- 6 से 8 तुलसी के पत्ते
- 1 छोटा टुकड़ा दालचीनी
- 4 से 5 इलायची
- 4 से 5 लौंग
- 1 सौंठ या आधा टुकड़ा अदरक
- 4 से 6 काली मिर्च
तुलसी के पत्ते से गर्भपात के लिए काढ़ा कैसे बनाये
- सबसे पहले चाय के भगोने या किसी बर्तन में आधा लीटर पानी डालकर आंच पर रख दें.
- इसके बाद इसमें तुलसी के पते, दालचीनी, लौंग, इलायची, सौंठ या अदरक तथा काली मिर्च डाल देवें. आप इन सब को साबुत भी डाल सकते है तथा पाउडर बनाकर भी डाल सकते हैं.
- जब यह पानी गर्म होकर एक कप रह जाए तो इसे आंच से नीचे उतार दें. इस तरह आपका काढ़ा बनकर तैयार हो गया है.
- ठंडा होने के बाद इस तुलसी के काढ़ा को छानकर सेवन करें तथा यदि कड़वा लगे तो आप उसमे शहद मिलाकर भी पी सकते है तथा इस तरह तुलसी के पत्ते से गर्भ कैसे गिराए के बारे में आप जान गए होंगे.
तुलसी के पत्ते से गर्भपात होने के कारण
- तुलसी में इयूजेनोल नामक एंजाइम तथा विटामिन सी काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो गर्भपात का कारण बनता हैं.
- तुलसी के बीज तथा पत्ते प्रेग्नेंट महिला के गर्भाशय के संकुचन को प्रेरित करते हैं गर्भपात होने का कारण बनता हैं.
- तुलसी के ज्यादा मात्रा में सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जिससे गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है.
- तुलसी के काढ़े में काली मिर्च, दालचीनी, सौंठ, लौंग जैसे गर्म तासीर के हर्बल मिलाने से भी गर्भपात हो जाता है.
तुलसी के पत्ते से गर्भपात साइड इफेक्ट
- सबसे बड़ा गर्भपात का साइड इफेक्ट तो यह होता हैं की इसमें हैवी ब्लीडिंग हो सकती है जिससे शरीर में काफी कमजोरी आ जाती है.
- गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय से गर्भपात के साइड इफेक्ट यह भी है की इससे गर्भाशय के अंदर कुछ टिश्यू रह सकते है जो काफी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं.
- इस प्रकार गर्भपात करने के घरेलू उपाय का प्रयोग करने से अधूरा गर्भपात होने की संभावना रहती है.
- इससे पेट में दर्द और ऐंठन तथा पूरे शरीर में दर्द होने लगता है जो हैवी ब्लीडिंग के कारण भी होता हैं.
- इसके अतिरिक्त तुलसी के पत्ते से गर्भपात से सिर दर्द, जी मिचलाना, चक्कर आना जैसी समस्याएं भी हो सकती है.
आपके सवाल गलती से प्रेग्नेंट हो जाए तो क्या करें के जवाब में गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय की कड़ी में तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करें बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस लेख को पढ़कर आपने जाना की गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाये. यह भी ध्यान रखेंकी इस प्रकार के घरेलू उपाय से गर्भपात साइड इफेक्ट भी करते हैं.