गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय । गर्भपात से बचने के उपाय । मिसकैरेज से बचाव

गर्भपात किसी भी महिला के लिए एक दुखद घटना होती है लेकिन क्या आप जानती हैं की मिसकैरेज से बचाव यानी गर्भपात रोकने के उपाय घरेलू उपचार यानी आयुर्वेद तथा देसी जड़ी बूटियों द्वारा संभव है. हमारे एक रेगुलर पाठक ने सवाल पूछा था की गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय बताइए तो इसका जवाब यह है की गर्भपात से बचने के उपाय में कुछ पुराने नुस्खों में ऐसे आयुर्वेदिक उपाय होते हैं जो काफी कारगर सिद्ध होते हैं. गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय काफी हद तक गर्भपात को रोकने में सक्षम होते हैं इसलिए मिसकैरेज से बचाव हेतु आप इन नुस्खों का प्रयोग कर सकते है जिससे आप इस दुखद एहसास से बच सकते हैं.

गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय बताइए, मिसकैरेज से बचाव, गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय
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गर्भपात रोकने के उपाय यानी गर्भपात से बचने के उपाय

मां बनना हर महिला का सपना होता है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी होती है जिनका गर्भधारण तो हो जाता है लेकिन जल्दी ही गर्भपात यानी मिसकैरेज हो जाता है. कुछ के साथ यह घटना कई बार हो जाती है जिससे बार-बार गर्भपात होने से वह महिला मानसिक रूप से टूट जाती है. आयुर्वेद में कुछ ऐसे गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय बताए गए हैं जो बार-बार होने वाले मिसकैरेज से बचाव करते हैं तथा इन गर्भपात से बचने के उपाय को अपनाकर आप गर्भपात की समस्या का निदान कर सकते हैं. इन घरेलू उपाय हेतु आवश्यक सामग्री आपको घर पर आसानी से उपलब्ध हो जायेगी.
आपके सवाल गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय बताइए का जवाब यानी गर्भपात से बचने के उपाय निम्नलिखित है-
  • भारत के कई ग्रामीण हिस्सों में गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय के रूप में अनार के पौधे के पत्तों का प्रयोग किया जाता है. इस घरेलू नुस्खे हेतु आपको अनार के कुछ ताजे पत्ते तोड़कर लाने हैं तथा फिर इन अनार के पत्तों को पीसकर पानी में छान लेना है. इसके बाद इस पानी का सेवन कर लेना चाहिए और इसे आप नाभि के नीचे पेडू पर भी जरूर लगाएं. अनार के पत्तो के इस तरह के उपाय से भी आप मिसकैरेज से बचाव कर सकते हैं.
  • बार-बार होने वाले गर्भपात रोकने के उपाय में एक प्रमुख नुस्खा यह भी है कि आपको थोड़ी मात्रा में जेठीमधु लेना है तथा एक गिलास गाय का दूध लेना है. फिर जेठीमधु और गाय के दूध को मिलाकर काढ़ा बनाना है और इसे पीना है. इस काढ़े का कितनी मात्रा में और कितने दिनों तक सेवन करना है, यह सलाह आप किसी विशेषज्ञ या वैद्य से कर सकते हैं. इस काढ़े को नाभि के नीचे पेडू पर लगाने की सलाह भी कई वैद्य देते हैं. इस तरह आप इस काढ़े का उपयोग गर्भपात से बचने के उपाय हेतु कर सकते है.
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  • बार-बार होने वाले गर्भपात से बचने के उपाय यह भी हैं की आप किसी पीपल के पेड़ की जो बड़ी कंटकारी की जड होती हैं, उसे लाकर पीसकर चूर्ण बना लेना है. इस जड़ को पीसने के बाद आपको एक गिलास भैंस का दूध लेना है. फिर पीपल के जड़ से बने चूर्ण को उपयुक्त मात्रा में फांक लेवे और ऊपर से एक गिलास भैंस का दूध सेवन कर लेवे. इस आयुर्वेदिक उपाय हेतु आपको दूध कभी भी कच्चा सेवन नहीं करना है यानी दूध को उबालकर फिर ठंडा करके ही पीना है. इस तरह गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय के इस नुस्खे का रोजाना उपयोग करने से मिसकैरेज होने की समस्या को रोकने में सहायता मिलती है.
  • गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय के रूप में हरी दूब का प्रयोग भी काफी जगह किया जाता है. इसके लिए आपको हरी दूब के विभिन्न अंग जैसे पत्ती, फूल, तना व फल तथा उसकी जड़ यानी कि हरी दूब के पंचांग का प्रयोग इस घरेलू नुस्खे हेतु करना है. अब इन पांचों चीजों को मिलाकर अच्छी तरह से महीन पीसना है तथा मिश्रण को पीसने के बाद इसमें मिश्री तथा दूध मिलाना है. इस तरह से आपके पास एक मिश्रण तैयार हो जाएगा, इस मिश्रण के पाव मात्रा यानी एक चौथाई मात्रा में शरबत बनाकर सेवन करने से गर्भपात से बचा जा सकता है तथा मिसकैरेज से बचाव हेतु यह उपचार काफी कामयाब भी होता हैं.
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  • कई महिलाओं का बार-बार गर्भपात होने का मुख्य कारण उनके गर्भाशय यानी बच्चेदानी का कमजोर होना भी होता है. यदि किसी महिला को गर्भाशय की कमजोरी की वजह से मिसकैरेज होने की शिकायत है तो उसे कुछ समय तक ताजा सिंगाड़े का सेवन गर्भपात से बचने के उपाय के रूप में करना चाहिए. इस मिसकैरेज से बचाव के घरेलू उपचार से गर्भाशय यानी बच्चेदानी की कमजोरी दूर होती है और बार-बार होने वाले गर्भपात से छुटकारा मिलता है.
  • सिंघाड़े के अलावा नाशपाती का सेवन करना भी गर्भाशय की मजबूती में सहायक होता है. इसलिए आप बच्चेदानी की कमजोरी को दूर करने के लिए नाशपाती का सेवन भी कर सकते हैं. इस तरह नाशपाती भी गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय के रूप में काम में ली जा सकती है.
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  • सिंघाड़े और नाशपाती के अलावा गर्भाशय को मजबूत करने का एक और नुस्खा यह है की आपको पक्का केला लेना है और इसे आटे की तरह मथना है. फिर इसमें थोड़ी मात्रा में शहद मिलाकर रोजाना सेवन करना है. केले और शहद के इस नुस्खे से बच्चेदानी को मजबूती मिलती है जिससे गर्भपात होने की संभावना कम हो जाती है. इस तरह आप जान गए होंगे की आपके सवाल गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय बताइए का मुख्य कारण गर्भाशय यानी बच्चेदानी की कमजोरी ही होता हैं इसलिए इन नुस्खों से आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है.
  • अशोक के पेड़ की छाल का प्रयोग भी गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय के तहत किया जाता हैं. इसके लिए आपको अशोक के पेड़ की छाल उपयुक्त मात्रा में लेनी है तथा इसका काढ़ा तैयार करना है. फिर इस काढे का रोजाना उपयोग करना होता हैं जिससे मिसकैरेज से बचाव में सहायता मिलती है.
  • गूलर का उपयोग भी गर्भपात से बचने के उपाय के रूप में किया जाता है. इसके लिए आपको गूलर के फलों को पीसकर चूर्ण बना लेना है और इस चूर्ण का एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से मिसकैरेज से बचाव होता हैं यानी गर्भपात की समस्या से निजात मिलती है. इसके अलावा आपको गूलर की जड़ लेकर तथा उसे पीसकर चूर्ण बना लेना है तथा इसकी बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रोजाना सेवन करने से गर्भपात होने की संभावना कम हो जाती है.
  • गर्भपात रोकने के उपाय के क्रम में एक प्रमुख घरेलू नुस्खा यह भी है कि आपको वंशलोचन, मिश्री और नागकेसर को उचित मात्रा में मिलाकर एक चूर्ण तैयार कर लेना है. अब इस चूर्ण को 4 ग्राम मात्रा एक गिलास दूध के साथ रोजाना सेवन करना चाहिए. इस घरेलू नुस्खे के सेवन से आपको अनचाहे मिसकैरेज यानी अनवांटेड अबॉर्शन से बचने में सहायता मिलेगी.
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जब आपने पूछा की गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय बताइए तो हमने मिसकैरेज से बचाव हेतु जो गर्भपात के आयुर्वेदिक उपाय होते है उनके बारे में विस्तार से बताया है. ऊपर लिखित गर्भपात रोकने के उपाय व आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे का प्रयोग आप हमेशा किसी किसी विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक वैद्य की देखरेख तथा सलाह के अनुसार ही करें क्योंकि प्रेगनेंसी एक संवेदनशील स्थिति होती है. इसमें आपके शारीरिक क्षमता को देखकर ही विशेषज्ञ गर्भपात से बचने के उपाय हेतु विभिन्न प्रकार की दवा व नुस्खों का प्रयोग व उनकी खुराक की मात्रा का उचित गणना करता है. इसलिए इन गर्भपात को रोकने के उपायों का प्रयोग किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें.

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