प्रेग्नेंट महिला तथा शिशु के स्वास्थ्य हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक होता है और यदि प्रेगनेंसी में पानी की कमी हो जाए तो इससे गर्भवती महिला को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण को पहचानकर आप जान सकते है की आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति नहीं हुई है. प्रेगनेंसी में पानी की कमी होना मतलब डिहाइड्रेशन होना है जिससे सिर दर्द होना, मिचली आना, पेट में मरोड़ आना, चक्कर आना तथा हाथ-पैरों में सूजन आना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से इस तरह की कई बीमारियों से बचाव हो सकता है. आज के लेख में हम गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण, कारण और इसके निवारण के बारे में विस्तार से जानेंगे तथा साथ में ही जानेंगे की प्रेगनेंसी में पानी की कमी को दूर कैसे करें और प्रेगनेंसी में पानी कितना पीना चाहिए.
{tocify} $title={Table of Contents}गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण
- पानी की कमी का प्रमुख लक्षण प्यास का लगना होता है तथा जब प्यास लगे तो आप इसे नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं करें तथा तुरंत पानी पिएं.
- गर्भावस्था में डिहाइड्रेशन होने के लक्षण में यह भी है की इससे प्रेग्नेंट महिला को लगातार सिरदर्द तथा विशेष रूप से माइग्रेन जैसा सर में एक तरफ दर्द होता रहता है.
- इसके अतिरिक्त गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण यह भी है की इससे गर्भवती महिला को एक जगह बैठे रहने के बाद एकदम से खड़े होने पर तथा नीचे झुकने पर चक्कर आने तथा आंखों के आगे अंधेरा छाने जैसी समस्या होने लगती है.
- गर्भवती महिला के जीभ में सूजन आने तथा लगातार होंठ फटे हुए रहने का कारण भी प्रेगनेंसी में पानी की कमी होना होता है.
- ज्यादा थकान महसूस होना भी पानी की कमी की वजह से होता है क्योंकि गर्भावस्था में डिहाइड्रेशन होने से प्रेग्नेंट महिला के शरीर का एनर्जी लेवल कम होने लगता है.
- पेट में ऐंठन तथा दर्द बने रहने के साथ ही उल्टी होने तथा मतली आने जैसी समस्याएं होना भी प्रेगनेंसी में पानी की कमी के लक्षण होते हैं.
- यदि आपके पेशाब का रंग साफ नहीं होकर गहरा पीला रंग का है तथा बदबूदार है तो इसका मतलब है की आपके शरीर में पानी की कमी है.
गर्भावस्था में पानी की कमी होने के कारण
- प्रेगनेंसी में कैफीन, प्रोसेस्ड फ्रूट जूस तथा सोड़ा लेने से पेशाब ज्यादा लगता है जिससे प्रेगनेंट स्त्री के शरीर में पानी की कमी हो सकती है.
- गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस यानी सुबह के समय थकान ज्यादा रहती है जिसके कारण गर्भवती महिला के शरीर में तरलता यानी फ्लूइड्स की कमी होने लगती है और इससे पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन हो जाता है.
- यदि आप गर्भावस्था में व्यायाम, योगा आदि करते हैं या कोई ऐसी परिस्थिति या दिनचर्या है जिसकी वजह से पसीना ज्यादा होता हैं तो भी आप गर्भावस्था में डिहाइड्रेशन की समस्या से पीड़ित हो सकते है.
- गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव की वजह कई चीजे खाने का मन नहीं करता है तथा इस वजह से प्यास कम लगती है जिसकी वजह से भी प्रेगनेंसी में पानी की कमी हो सकती है.
- प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी, दस्त की समस्या होने की संभावना भी ज्यादा होती है जिसकी वजह से भी यह समस्या हो सकती है.
गर्भावस्था में पानी की कमी को दूर करने के उपाय
- इस समस्या का मुख्य उपाय तो यही है की इस दौरान आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे जिससे प्रेगनेंसी में डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है.
- प्रत्येक घंटे में औसतन आधा गिलास पानी पीना चाहिए और स्वाद हेतु इसमें नींबू आदि डाल सकते है.
- प्रेगनेंट महिला को यह ध्यान रखना चाहिए की जब भी घर से बाहर जाना पड़े तो साथ में पानी की बोतल जरूर रखनी चाहिए.
- सूप, जूस तथा नींबू पानी का इस्तेमाल गर्भवती महिला के शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाने हेतु कर सकते है जिससे डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है.
- ज्यादा लंबे समय तक कसरत और योगा नही करना चाहिए, विशेषकर गर्मियों में क्योंकि ज्यादा पसीना होने से ही शरीर में पानी की कमी होने लगती है.
- कैफीन, प्रोसेस्ड जूस तथा सोड़ा आदि पीने से बचना चाहिए क्योंकि इससे पेशाब ज्यादा आने की समस्या रहती है जिससे शरीर में पानी की कमी आती है.
गर्भावस्था में पानी की कमी के नुकसान
- यह तो आप सब जानते होंगे की प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर, विशेषकर हाथ-पैरों में सूजन तो रहती है किंतु लेकिन पानी की कमी से हाथ पैरों की सूजन की समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है.
- गर्भावस्था में पानी की कमी के कारण एमिनॉटिक फ्लूड (बच्चेदानी में पानी) की कमी हो सकती है जिससे गर्भस्थ शिशु से संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है.
- प्रेगनेंसी के दौरान UIT (यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) जैसा खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है तथा गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी होने पर इसका खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है.
- प्रेगनेंसी में पानी की कमी के कारण सर दर्द, चक्कर आना, जी मिचलाना जैसी समस्याएं भी हो सकती है.
प्रेगनेंट महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पूरे दिन खूब पानी पीना चाहिए. प्रेगनेंट महिला को प्रेगनेंसी में पूरे दिनभर में कम से कम दो से ढाई लीटर यानी आठ से दस गिलास पानी जरूर पीना चाहिए. आप दिनभर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीती रहे और यदि इसमें परेशानी हो तो इसमें नींबू, पुदीना आदि डालकर पी सकते हैं. इसके अलावा जूस, सूप आदि भी पानी की पूर्ति करते हैं इसलिए इनका भी सेवन करते रहें.
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इस प्रकार आप जान गए होंगे कि गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण क्या है तथा प्रेगनेंसी में पानी की कमी होना कितना नुकसानदायक है. आपको यह जानकरी भी दी गई है की प्रेगनेंसी में पानी की कमी को दूर कैसे करें तथा इस हेतु प्रेगनेंसी में पानी कितना पीना चाहिए जिससे डिहाईड्रेशन की संभावना नहीं हो सके.