गर्भ में लड़के की हलचल से जानिए गर्भ में पुत्र या पुत्री है

ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्ग और तजुर्बे वाली महिलाएं गर्भवती महिला के गर्भ में बच्चे की हलचल देखकर बता देती हैं की उसके गर्भ में लड़के की हलचल है या लड़की की हलचल अतार्थ गर्भवती महिला के गर्भ में होने वाले बच्चे के मूवमेंट को देखकर बता देती हैं की गर्भ में पुत्र या पुत्री है. आज के जमाने में अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से यह सब पता चल जाता है लेकिन भारत में अल्ट्रासाउंड से बच्चे का लिंग पता करना कानूनी अपराध है. लेकिन यदि आप होने वाले बच्चे से संबंधित विभिन्न प्लानिंग और खरीददारी करना चाहती है तो आज की पोस्ट में हम गर्भ में लड़के की हलचल क्या होती है तथा गर्भ में पुत्र या पुत्री है कैसे पता करे आदि के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे.
तो आज की पोस्ट शुरू करते हैं तथा आपको बताते हैं गर्भ में पुत्र या पुत्री है कैसे पता करे यानी गर्भ में लड़का है या लड़की है के बारे में कैसे पता करे.

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गर्भ में लड़के की हलचल । Garbh me ladke ki halchal

इस मान्यता के अनुसार किसी भी गर्भवती स्त्री के गर्भ में बच्चे की हलचल से पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में लड़का या लड़की है क्योंकि ऐसा माना जाता है की लड़के के मुकाबले लड़की गर्भ में मूवमेंट जल्दी शुरू करती है. गर्भाशय में एक लड़की जहां चार महीने में ही मूवमेंट करना शुरू कर देती है वहीं लड़का हलचल शुरू करने में पांच महीने तक का समय लेता है. इस मूवमेंट को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है की गर्भ में पुत्र या पुत्री है.

गर्भ में बच्चे की हलचल किस तरह से होती है

गर्भ में बच्चे की हलचल किक मारने, हिचकियां लेने, हिलने-डुलने आदि के रूप में होती है. इसके अलावा शिशु अपने शरीर को दूसरी तरफ मोड़ना, चेहरे को हिलाना तथा हाथ को चेहरे को छूने हेतू हिलाना आदि मूवमेंट भी इस दौरान करता है. इसकी शुरुआत 17 सप्ताह के बाद शुरू होती है जैसे-जैसे सप्ताह बीतते हैं, गर्भ में बच्चे की हलचल का अहसास बढ़ने लगता है. सामान्यत 35वें सप्‍ताह के बाद इसमें कमी आने लगती है क्योंकि शिशु के शरीर के बढ़ जाने की वजह से उसे गर्भाशय में हलचल करने की जगह नहीं मिलती है.

गर्भ में बच्चा ज्यादा हलचल क्यों करता है

दूसरी तिमाही के बीच में यानी 18वें से 22वें सप्ताह के बाद गर्भ में बच्चे की हलचल शुरू हो जाती है तथा 22वें से 30वें सप्ताह के बीच यह हलचल ज्यादा हो जाती है. अब आपके मन में जिज्ञासा होगी की गर्भ में बच्चा ज्यादा हलचल क्यों करता है तो यह इसलिए होता है क्योंकि इस समय के दौरान शिशु का हिलना-डुलना शुरू हो जाता है तथा हिचकियां लेना, किक मारना और भी कई क्रिया करना शुरू कर देता है. गर्भ में बच्चे के ज्यादा हलचल करने से गर्भवती महिला को तेज दर्द के का सामना भी करना पड़ता हैं लेकिन यह हर मां के लिए एक बहुत ही खूबसूरत अहसास होता है.

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प्रेगनेंसी में लड़का होने के लक्षण बताइए । Ladka hone ke lakshan

हमें कुछ पाठकों के सवाल प्राप्त हुए है की प्रेगनेंसी में लड़का होने के लक्षण बताइए (ladka hone ke lakshan) तो इसका उतर यह है की गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले विभिन्न परिवर्तन और लक्षण देखकर पता लगाया जा सकता है की गर्भ में लड़का या लड़की है, तो आइये जानते हैं की गर्भ में पुत्र या पुत्री है कैसे पता करे (garbh me putra ya putri in hindi).
गर्भ में लड़का या लड़की । Pregnancy baby boy or girl symptoms in hindi
  • यदि प्रेगनेंसी के समय गर्भवती महिला के दोनों स्तनों के आकार में अंतर हो तथा बाएं तरफ का स्तन आकर में बड़ा हो समझे की यह लड़का होने का लक्षण है(ladka hone ke lakshan). इस तरह प्रेग्नेंट स्त्री के स्तन के साइज से पता लगा सकते हैं कि गर्भ में पुत्र या पुत्री है.
  • यदि किस गर्भवती महिला के पेट नीचे की तरफ से उभरा हुआ हो तो लडका होने का लक्षण होता है तथा यदि प्रेगनेंट महिला का पेट ऊपर की तरफ उभरा हुआ हो तो लड़की होने का लक्षण होता है. इस तरह आप प्रेगनेंट स्त्री के पेट का आकार देकर बता सकते हैं कि गर्भ में लड़का या लड़की है.
  • गर्भ में पुत्र या पुत्री कैसे पता करें इस हेतु आप यूरिन के रंग से पता कर सकते हैं कि गर्भ में लड़का है या लड़की है. यदि गर्भवती महिला के पेशाब का रंग गहरा पीला हो तो लड़का होने की संभावना (ladka hone ke lakshan) ज्यादा रहती है जबकि मूत्र का रंग हल्का पीला होने पर लड़की होने का लक्षण माना जाता है.
  • गर्भ में लड़के की हलचल के बारे में तो आपने ऊपर जान लिया लेकिन क्या आप जानते हैं की यदि किसी गर्भवती महिला के गर्भ में लड़की होगी तो उसकी सुंदरता और सौंदर्य बढ़ जाता है, वहीं गर्भ में लडका होने पर चेहरा मुरझाया हुआ लगने लगता है और बाल झड़ने लगते हैं तथा हाथ-पैर थोड़े ठंडे लगने लगते है.
  • अगर प्रेगनेंट स्त्री गर्भावस्था के दौरान ज्यादा नमकीन खाना पसंद करने लगे तो यह लड़का होने का लक्षण हो सकता है वहीं यदि वो मीठा खाना ज्यादा पसंद करने लगे तो यह लड़की होने की संभावना हो सकती है तथा इस तरह से आप गर्भवती महिला के भोजन की रुचि से जान सकते है की गर्भ में पुत्र या पुत्री है.
  • वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंट महिला का मूड स्विंग यानी परिवर्तित होता रहता है परंतु यदि इस दौरान गर्भवती स्त्री का मूड जरूरत से ज्यादा परिवर्तन होता हो तो उस महिला के गर्भ में लड़का होने के चांसेज ज्यादा होते हैं. यानी यदि वो स्त्री ज्यादा मूडी महसूस करे तो लड़का तथा कम मूड स्विंग हो तो लड़की होने की संभावना हो सकती है.
  • गर्भ में बच्चे की हलचल से तो गर्भ में लड़का है या लडकी है के बारे में पता करना आपने जान लिया लेकिन क्या आप जानते हैं की गर्भवती स्त्री के निप्पल के रंग से भी यह पता चलता है कि गर्भ में पुत्र या पुत्री है. वैसे तो प्रेग्नेंसी में निप्पल का रंग हमेशा काला ही रहता है लेकिन निप्पल का रंग यदि बहुत ही ज्यादा काला अथवा गहरा काला हो तो आप मान सकते है की गर्भ में लड़का हो सकता है.
  • कई जगह पर यह मान्यता भी है कि प्रेग्नेंट स्त्री के पेट में बच्चा बाई तरफ यानी लेफ्ट साइड में महसूस हो तो लड़की होती है और यदि दाएं तरफ यानी राइट साइड मे महसूस हो तो लड़का होता है.
  • एक प्रमुख लक्षण हमने आपको ऊपर बता ही दिया है की यदि गर्भ में बच्चे की हलचल चार महीने में ही महसूस होने लगे तो गर्भ में पुत्री होगी तथा यदि गर्भ में लड़के की हलचल होगी तो वो 5 महीने बाद महसूस होना शुरू होगी.
  • गर्भ में लड़का होने पर कहां दर्द होता है तो यह माना जाता है की पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होने पर लड़की होने का संकेत माना जाता हैं अन्यथा लडका होने की संभावना जताई जाती हैं.
हम सब जानते है की शिशु के लिंग का पत्ता लगाने के कई सारे तरीके होते हैं लेकिन यह कानूनन वैध नहीं होते है लेकिन गर्भवती स्त्री के मन में यह जिज्ञासा पूरी गर्भावस्था तक रहती है की उसके गर्भ में पल रहा शिशु पुत्र है या पुत्री है. इसलिए ऊपर दिए गए तरीको से कोई गर्भवती महिला आसानी से अपने घर पर ही पता लगा सकती है की गर्भ में पुत्र या पुत्री है. इन लक्षणों की मदद से आप सरलता से जान सकते है की गर्भ में लड़का है या लडकी है.
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गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती है

क्या आप जानते हैं की गर्भ में लड़के और लड़की की धड़कन में फर्क होता है. जी हां एक शोधपत्र में बताया गया है की गर्भाशय के अंदर लड़के और लड़की के भ्रूण की धड़कन की गति अलग-अलग होती है. अब आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए या होती है तथा लड़की की हार्ट बीट कितनी होती है. यदि किसी गर्भवती महिला के गर्भ में भ्रूण की धड़कन 140 bpm से ज्यादा होती है तो वह लड़की हो सकती है तथा कम होने पर लड़का हो सकता है यानी गर्भ में लड़के की धड़कन 140 bpm से कम होती है. इस शोधपत्र के अनुसार 32 सप्ताह की गर्भवती महिला के भ्रूण की धड़कन की गणना से यह पता चल जाता है की होने वाले बच्चे का लिंग क्या है. इस तरह गर्भ में लड़के की हलचल के अलावा गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती है जानकर भी आप अपने होने वाले बच्चे का अंदाजा लगा सकते है.

लड़का कैसे होता है । लड़के का गुणसूत्र

आप भी सोचते होंगे की लड़का कैसे होता है? यानी ऐसा कोनसा कारण है जिसकी वजह से लड़का और लड़की का लिंग निर्धारण होता है. विज्ञान के अनुसार पुरुष के गुणसूत्र x तथा y होते है तथा महिला के गुणसूत्र सिर्फ x होते है. जब पुरुष के x और महिला के x गुणसूत्र के मिलने से जो संतान उत्पन्न होती है वह लड़की होती है तथा पुरुष के y तथा महिला के x गुणसूत्र के मिलने से जो संतान उत्पन्न होती है वह लड़का होता है. इस बात से आप यह तो समझ गए होंगे कि लड़का या लड़की होने की संभावना पुरुष के गुणसूत्र पर निर्भर करती है, महिला का गुणसूत्र तो हमेशा x ही होता है.

तो आज की जानकारी यहीं पर समाप्त होती है, आज आपने जाना की गर्भ में लड़के की हलचल या गर्भ में बच्चे की हलचल कैसे होती हैं तथा इस बारे में भी जाना की गर्भ में पुत्र या पुत्री है कैसे पता करें. हमने इस सवाल का जवाब देने की भी कोशिश की प्रेगनेंसी में लड़का होने के लक्षण बताइए (ladka hone ke lakshan). आज की पोस्ट आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं तथा आपकी कोई सलाह या शिकायत या कोई जिज्ञासा हो तो हमसे जरूर शेयर करे.

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