प्रेगनेंसी टिप्स इन हिन्दी Preganacy tips in hindi

आज की पोस्ट में हम प्रेगनेंसी के लिए ज़रूरी टिप्स के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, जिसे फॉलो करके आप अपनी प्रेगनेंसी के अनुभव को सरल बना सकती है. ये प्रेगनेन्सी टिप्स इन हिन्दी आपको साधारण लग सकते हैं लेकिन इन नियमों का पालन करके आप अपने गर्भावस्था के सफर को आसानी से पूरा कर सकती हैं. हमें कुछ सवाल प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी फॉर बेबी बॉय के बारे में लिखने के लिए भी मिले हैं जिनका जवाब अगली पोस्ट मेंं दिया जाएगा.
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व्यायाम और योगा संबंधी प्रेगनेंसी टिप्स
Exercise and yoga related pregnancy tips in Hindi

गर्भावस्था में व्यायाम और योगा एक ऐसी क्रिया है जिसकी सहायता से एक इंसान हमेशा फिट और तंदुरुस्त रहता हैं. योगा और व्यायाम करने की सलाह, विशेषज्ञों द्वारा हर उम्र के लोगों को दि जाती है. हमेशा प्रेगनेंसी एक्सरसाइज और योगा करना इंसान को कई बीमारियों से बचाता है. सारांश यह है कि व्यायाम और योगा आम दिनों में भी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होना चाहिए. गर्भावस्था के समय योगा और व्यायाम का महत्व काफी बढ़ जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान साधारणतः गर्भवती महिलाएं, थकान और चक्कर और अन्य परेशानियों कि वजह से ज़्यादातर आराम करना पसंद करती हैं, लेकिन यदि गर्भावस्था के दौरान आराम करने के साथ-साथ कुछ समय योगा और व्यायाम में खर्च करें तो प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली कई समस्याओं जा सकता है.
  • प्रेग्नेंसी के समय योगा और व्यायाम करने से गर्भवती महिला को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में काफी मदद मिलती है और यह तनाव को कम करने में भी सहायक है.
  • प्रेग्नेंसी के समय गर्भवती महिला का वजन काफी बढ़ जाता है, ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान व्यायाम और योगा करने से वजन को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है.
  • इन सब के अलावा प्रेगनेंसी में योगा और कसरत करने से थकान और अनिद्रा से राहत मिलती है. गर्भवती महिला का मूड खुशनुमा रहता है, साथ ही शरीर में रक्त संचार भी बेहतर तरीके से होता है.
  • गर्भावस्था के दौरान विशेषज्ञ अथवा डॉक्टर की सलाह के अनुसार आपको व्यायाम और योगा करना चाहिए क्योंकि वह आपकी शारीरिक और गर्भावस्था की स्थिति के अनुसार कसरत और योगा करने की सलाह देंगे.
प्रेगनेंसी से संबंधित महत्वपूर्ण टिप्स की जानकारी रखें.
वर्तमान में प्रेग्नेंसी से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रेग्नेंसी टिप्स इन हिन्दी और जरूरी जानकारियां गूगल, सोशल मीडिया साइट आदि विभिन्न प्लेटफार्म पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान रखी जाने वाली विभिन्न सावधानियां और किस प्रकार गर्भवती महिला खुद का बेहतर ढंग से ख्याल रख पाए, संबंधी जानकारी आप विशेषज्ञ डॉक्टर से भी ले सकती है. इसके अलावा आप प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी सावधानियों और दैनिक गतिविधियों से संबंधित मैग्जीन्स और किताबों को पढ़कर भी गर्भावस्था से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इन सब से आपके मन में आने वाले प्रेगनेसी से संबंधित सवालों का जवाब भी आपको मिल जाएगा.

नॉर्मल डिलीवरी के लिए किगल एक्सर्साइज़ संबंधी प्रेगनेंसी टिप्स, नॉर्मल डिलीवरी प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी
ज्यादातर गर्भवती महिलाएं चाहती हैं कि उनकी नॉर्मल डिलीवरी हो, इस हेतु वो विभिन्न प्रकार के नॉर्मल डिलीवरी प्रेगनेंसी टिप्स इन हिन्दी के बारे में जानकारी लेती रहती है. किगल एक्सरसाइज एक नॉर्मल डिलीवरी में सहायक एक्सरसाइज मानी जाती है. गर्भावस्था के समय योगा और व्यायाम करने के फायदे के बारे में हम पहले ही जान चुके है लेकिन कीगल एक्सरसाइज गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण व्यायाम माना जाता है. कीगल एक्सरसाइज करने से आम दिनों में भी ढ़ेंरों फायदे हैं लेकिन प्रेग्नेंसी के दैरान एक्सरसाइज करने से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में मज़बूती आती है तथा ब्लैडर, बॉवेल और यूट्रस पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. कीगल एक्सरसाइज नॉर्मल डिलिवरी प्रेग्नेंसी में सहायक होने के साथ-साथ बच्चे के जन्म के बाद होने वाली कुछ सामान्य परेशानियों से भी बचाता है. किगल एक्सर्साइज़ करने के लिए फर्स पर मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाए, फिर दोनों घुटने मोड़े. उसके बाद हाथ बिल्कुल सीधे रखकर कमर को थोड़ा ऊपर उठाना होता है. कमर को ऊपर उठाने के बाद 3 से 5 सेकेंड इसी स्थिति में रहकर गहरी सांस लेवे और फिर यथास्थिति में आ जाए. प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी फॉर बेबी बॉय के बाद सबसे ज्यादा सवाल हमसे प्रेगनेंसी टिप्स इन हिन्दी फॉर नॉरमल डिलीवरी के बारेे में ही पूछा जाता है.

प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है । गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है

दैनिक दिनचर्या में बदलाव संबंधी प्रेगनेंसी टिप्स इन हिन्दी
गर्भवती होने से पहले दैनिक दिनचर्या में जो काम आप करते थे जैसे की बाथरूम, टॉयलेट की सफाई करना या पालतू जानवरो संबधी कार्य, भार उंचाने वाले काम आदि, वो काम गर्भवती होने के बाद आप नही करे. प्रेगनेंसी के दौरान कभी भी भारी सामान उठाने का काम नहीं करना चाहिए और न ही ज़्यादा झुक कर कुछ काम करने या भार उठाने का प्रयास करना चाहिए, ऐसा करना आपकी प्रेगनेसी लाइफ के लिए खतरनाक हो सकता है. यदि आप के दैनिक दिनचर्या में सीढ़ियों का उपयोग ज्यादा होता है तो ध्यान रखें कि सीढ़ी चढ़ने और उतरने में हड़बड़ाट नहीं होनी चाहिए तथा धीरे-धीरे कदमों से इसका प्रयोग करना चाहिए. इसके साथ ही यदि आपको किसी खाने या अन्य वस्तु से एलर्जी हो या इंफेक्शन होने का डर हो तो उस खाने तथा वस्तु से गर्भावस्था के दौरान दूर रहना चाहिए.

गर्भावस्था के दौरान ढीले वस्त्रों और जूते चप्पलों का चयन संबंधी प्रेगनेंसी टिप्स इन हिन्दी
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला को ढीले वस्त्र पहनना चाहिए तथा सही साइज के जूते चप्पल का चयन करना चाहिए. क्योंकि जैसे जैसे प्रेग्नेंसी का समय बढ़ता जाता है और गर्भ में पल रहे बच्चे के विकाश के साथ बढ़ते आकार की वजह से गर्भवती महिला का वजन भी बढ़ता जाता है. गर्भवती महिला के वजन तथा पेट बढ़ने की वजह से उसकी शारीरिक संरचना में बदलाव आता है. ऐसे में सामान्य दिनों में पहने जाने वाले वस्त्र तथा जूते चप्पल कंफर्टेबल नहीं होते हैं इसलिए गर्भावस्था के दौरान ढीले वस्त्रों तथा कंफर्टेबल जूते चप्पलों का चयन करना चाहिए.
प्रेगनेंसी रोकने के उपाय हिंदी में
प्रेगनेंसी में जरूरी आहार संबंधी प्रेगनेंसी टिप्स इन हिन्दी
Pregnancy diet related Preganacy tips in hindi

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला तथा गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए बेहतर और पौष्टिक आहार की ज़रूरत होती है. प्रेगनेंसी डाइट में उपयुक्त प्रोटीन और विभिन्न मिनरल्स का होना जरूरी है, भोजन संबंधी महत्वपूर्ण प्रेगनेंसी टिप्स निम्नलिखित है-
  • प्रोटीन
    जैसा कि आप सब जानते हैं कि प्रोटीन किसी भी व्यक्ति के शरीर के विकास हेतु प्रमुख आवश्यक तत्व है. गर्भवती महिला तथा गर्भ में पल रहे बच्चे दोनो के स्वस्थ शारीरिक संरचना हेतु प्रोटीन की उपयुक्त मात्रा प्रेगनेंसी के आहार में होना जरूरी है. प्रोटीन की उचित मात्रा खून के निर्माण के लिए, हड्डियों की मजबूती के लिए और मांसपेशियों और त्वचा के निर्माण के लिए जरूरी होता है. इसलिए ज़रूरी है की प्रेग्नेंट महिला के दैनिक भोजन में नियमित रूप से प्रोटीन होना चाहिए. प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत दूध, दाल, पनीर, अंडा , चिकेन और बादाम आदि होते है.
  • फॉलिक एसिड
    प्रेग्नेंसी डाइट में फॉलिक एसिड का होना बहुत ज़रूरी होता है.फोलिक एसिड फोलेट नामक विटामिन बी से बनता है, इसका मुख्य कार्य लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण करना होता है. फोलिक एसिड विभिन्न विकारों और मस्तिष्क संबधी समस्या को कम करता है. फोलिक एसिड बच्चे के समय से पहले जन्म के खतरे को कम करता हैं.
  • आयरन
    आयरन उचित मात्रा को प्रेगनेसी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि खून में ऑक्सीजन की जरूरी मात्रा को बनाए रखने तथा हीमोग्लोबिन में सहायक होता है. आयरन की सही मात्रा शरीर में नही होने पर गर्भवती महिला अनीमिया की शिकार हो सकती है जो बच्चे के समय से पहले जन्म का कारण बन सकता है.
  • कैल्शियम
    गर्भ में पल रहे शिशु की हड्डियों का निर्माण सही हो, इसके लिए ज़रुरी है की प्रेग्नेंट महिला की प्रेगनेंसी डाइट में कैल्शियम की उचित मात्रा बनी रहे. इसके अलावा कैल्शियम की कमी से गर्भवती महिला ऑस्टियो पॉरेसिस की शिकार भी हो सकती है.
  • विटामिन A
    गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए विटामिन A युक्त भोजन को प्रेगनेंसी डाइट में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा विटामिन A आँखों के लिए तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास हेतु आवश्यक होता है. दूध और इससे बनी चीजे विटामिन ए के मुख्य स्त्रोत होते हैं.
गर्भावस्था में भोजन संबंधी महत्वपूर्ण प्रेगनेंसी टिप्स
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