बाल मजदूरी पर हिन्दी कहानी भाग 1 । Story on child labour in Hindi

प्रत्येक वर्ष की 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता हैं जिसके तहत बाल मजदूरी जो एक सामाजिक अभिशाप है, इसके बारे में जागरूकता फैलाई जाती हैं तथा इसके दुष्परिणाम और दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाती हैं. इस कड़ी में हम भी थोड़ी कोशिश कर रहे हैं बाल मजदूरी पर आधारित कहानी लघु कथा तथा बाल श्रम से संबंधित विभिन्न साहित्यक जानकारी प्रदान कर रहे हैं और इसके तहत चाइल्ड लेबर पर स्टोरी, कहानी, नुक्कड़ नाटक, स्लोगन, इनफॉर्मेशन, आर्टिकल्स, निबंध, ड्रामा स्क्रिप्ट आदि हिंदी लैंग्वेज में प्रस्तुत कर रहे हैं.

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बाल श्रम पर कहानी लघु कथा (Bal Shram par story kahani)

बाल श्रम पर हम पांच कहानीयां प्रस्तुत करेंगे जिसमे से पहली बाल मजदूरी स्टोरी आज की पोस्ट में पढ़ सकते हैं. इन कहानियों को आप विभिन्न कैरेक्टर का मंचन करके नाटक (Short Drama script) के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. चाइल्ड लेबर पर हिंदी कहानियों की जो सीरीज चला रहे हैं उनकी मदद से इस सामाजिक कलंक के खिलाफ जागरूकता फैलाने में मदद मिलती है, इसलिए इन कहानियों, कविता, नाटक, निबंध आदि को शेयर करके इस मुहिम को सफल बनाएं.

बाल मजदूरी पर हिंदी कहानी भाग 1 (Story on Child Labour in Hindi Kahani)

सुरेश और जमुना देवी का परिवार रामपुरा गांव मे रहता है और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. सुरेश पास के शहर में भवन निर्माण का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है. उनके दो बच्चे है जिनमे बडी बेटी सुरभि और छोटा बेटा अनिल है. बड़ी बेटी सुरभि की उम्र 13 साल है जो गांव के ही स्कूल में कक्षा 8 में पढ़ती है और वह पढाई में बहुत होशियार है. सुरेश कई दिनों बाद गांव में अपने घर वापस आया है. यह बहुत ही कमजोर हो गया है. पत्नी के जोर देने पर उसने बताया डॉक्टर को दिखाने से पता चला कि उसे लीवर की बीमारी हो गयी है और यह कोई भी मेहनत का काम नहीं कर सकता है. इस पर जमुना देवी ने सुरेश को काम पर नहीं जाने दिया और कहा कि घर पर रहकर ही दवा खाये और आराम करे.
अब मजदूरी का काम वह खुद ही करने लगी लेकिन इससे परिवार की स्थिति ओर खराब हो गयी. जमुना देवी की मजदूरी से परिवार का पालन-पोषण ठीक से नहीं हो पा रहा था इसलिय जमुना देवी ने न चाहते हुए भी बड़ी बेटी सुरभि का स्कूल छुडा दिया. वह उसे बाल श्रमिक नही बनाना चाहती थी लेकिन वह उसे अपने साथ काम पर ले जाने लिये मजबूर हो गई ताकि परिवार की आय में कुछ बढ़ोतरी हो सके.
सुरभि आगे की पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन परिवार की हालत देखते हुए उसने भी माँ के साथ मजदूरी कर परिवार की मदद करना कुछ उचित समझा.इस तरह गरीबी की वज़ह से एक होनहार बच्ची बाल मजदूरी के चपेट में आ गई.
एक दिन किसी अन्य जगह पर मजदूरी करने वाला सुरेश का दोस्त उससे मिलने उसके घर आया तो पता चला की सुरेश तो बीमार है. परेशानियों को देखकर उसने जमुना देवी को बताया कि सुरेश तो 'कर्मकार कल्याण बोर्ड' में पंजीकृत है और इस बोर्ड के द्वारा मजदूरों को लाभ पहुंचाने के लिये विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इनमें से 2-3 योजनाओं का नाम भी बताया जिनसे सहायता मिल सकती है. इन योजनाओं से लाभ लेने हेतु जमुना देबी ने अपनी बेटी की शिक्षा को जारी रखने के लिए और अपने बीमार पति के इलाज हेतु सहायता के लिए तुरंत ही 'कर्मकार कल्याण बोर्ड' में आवेदन किया. इसके फलस्वरूप जमुना देवी की बड़ी बेटी सुरभि को 'मेधावी छात्र पुरस्कार योजना' से मेधावी पुरस्कार के रूप में धनराशि दी गयी जिसके द्वारा उसने बाल मजदूरी छोडकर आगे की पढ़ाई अच्छे नम्बरों से पास होकर पूरी की और 'गंभीर बीमारी सहायता योजना' से लाभ लेकर सुरेश का इलाज भी अच्छे से चल रहा है.
अब जमुना देवी को घर चलाने में परेशानियों कम होने लगी है और बच्ची को भी अपने साथ मजदूरी पर नहीं ले जाना पडता है. साथ ही उसके पति का इलाज समय पर होने के कारण स्वास्थ्य भी ठीक होता जा रहा है तथा वह भी जल्दी ही काम करने के योग्य हो जायेगा.
इस तरह जानकारी के अभाव में लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते है तथा खराब आर्थिक स्थिति की वजह से बच्चो को बाल मजदूरी के दलदल में फंसा देते हैं.

बाल मजदूरी पर अन्य हिन्दी कहानियां, लघु कथाएं

बाल मजदूरी हमारे ऊपर पर एक अभिशाप है तथा इस विषय पर हमने कुछ और कहानियां, लघु कथाएं लिखी है जिन्हे आप यहां पर पढ़ सकते हैं तथा इनका उपयोग चाइल्ड लेबर पर हिंदी नाटक (Short Drama Script), निंबंध (Essay) , जानकारी (Information), भाषण (Speech), संवाद आदि हेतु कर सकते हैं.

सारांश

बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान के तहत प्रस्तुत आज की कहानी (Bal majdoori par Hindi kahani) आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं. चाइल्ड लेबर पर कोई अन्य जानकारी हिंदी में चाहिए तो hindimen को कॉमेंट या मेल के माध्यम से बता सकते हैं. बाल मजदूरी पर आधारित कहानी लघु कथा पढ़कर आपको भी इसके दुष्परिणाम और दुष्प्रभाव के बारे में पता चला होगा इसलिए इसके खिलाफ जागरूकता अभियान में हमारा सहयोग करें.

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