बाल श्रम आज के शिक्षित समाज हेतु एक सामाजिक अभिशाप तथा समाज पर कलंक होता है. यह समस्या भारत के साथ ही पूरी दुनिया में विकराल रूप धारण किए हुए हैं. आज के इस पोस्ट में इसका अर्थ और परिभाषा के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे.
{tocify} $title={Table of Contents}बाल मजदूरी क्या है
कई बार विभिन्न कंपीटेसन एग्जाम्स में यह सवाल पूछा जाता है कि बाल मजदूरी का अर्थ बताइए तो इसका जवाब यह है की 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से शारीरिक और मानसिक कार्य करवाना बाल मजदूरी कहलाता है. यह उम्र जो सामान्यत इन बच्चों हेतु खेलने कूदने और पढ़ने की होती है, तब इस उम्र में आर्थिक विषमताओं और कुछ अन्य सामाजिक कारणों की वजह से इन बच्चो को यह सब छोड़कर बाल मजदूर बनना पड़ता है और यह ऐसे बच्चे बाल श्रमिक कहलाते हैं.
बाल मजदूरी का अर्थ क्या है
यह दो शब्दो से मिलकर बना है जिसमे बाल का मतलब बच्चा और मजदूरी का मतलब श्रम होता हैं जिससे इस बाल मजदूरी का शाब्दिक अर्थ यह बनता है कि छोटे बच्चों से श्रम या मजदूरी करवाना होता हैं. हालांकि 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा भी बाल श्रमिक माना जाता है परंतु कुछ कार्यों में 14 वर्ष से ऊपर के बच्चों को ऐसे कार्य की छूट होती है.
भारतीय श्रम कानून में 14 वर्ष से कम, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई.एल.ओ.) के अनुसार 15 वर्ष से कम, संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार 18 वर्ष से कम, अमेरिकन कानून के अनुसार 12 वर्ष से कम और अन्य यूरोपीय देशों में 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चो से श्रम करवाना बाल मजदूरी कहलाता हैं.
इस प्रकार आप जान गए होंगे की बाल मजदूरी का क्या अर्थ है और इसकी परिभाषा क्या है.