ओरोप लेटेस्ट न्यूज टुडे के बारे में जानने से पूर्व जानते हैं की ओरॉप क्या हैं. पूर्व सैनिकों की नाराजगी और लंबे समय तक की गई हड़ताल के बाद भारत सरकार ने नवंबर 2015 में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए OROP यानी वन रैंक वन पेंशन की घोषणा की थी.
{tocify} $title={Table of Contents}OROP योजना क्या है
वन रैंक वन पेंशन का मतलब है कि सेना से रिटायर होने वाले समान रैंक वाले सैनिको को लगभग एक समान पेंशन दी जाएगी, चाहे वो कभी भी रिटायरमेंट हुए हों. यानि 1990 में रिटायरमेंट हुए सैनिक और आज रिटायर होने वाले सैनिक को लगभग एक जैसी पेंशन दी जाएगी तथा दोनों की पेंशन में में कोई ज्यादा फर्क नहीं होगा.
OROP के तहत बकाया एरियर और पेंशन में संशोधन का भुगतान चार किस्तों में दिया जाना था. लेकिन फैमिली पेंशनर्स और वीरता पुरस्कार वालों को एक ही किश्त में पुरे एरियर का एकमुस्त भुगतान किया जाना था. वन रेक वन पेंशन पर आपको हिंदी में कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं. आपके हर सवाल का हिंदी में जवाब दिया जाएगा.
OROP योजना से पहले क्या व्यवस्था थी
OROP से पहले यह व्यवस्था थी कि 2006 के 6 पे कमीशन से पहले रिटायर होने वाले सैन्य कर्मियों को कम पेंशन प्राप्त होती थी जो उनसे पद में छोटे सैन्य कर्मियों से भी कम पेंशन आती थी. इस असामान्य व्यवस्था को लेकर रिटायर हो चुके सैन्य कर्मियों में काफी आक्रोश और विरोध था तथा वह काफी समय से एक समान रैंक हेतु एक समान पेंशन की मांग कर रहे थे. इस व्यवस्था से अफसर से लेकर सिपाही तक प्रभावित थे. इसलिए सरकार ने इनकी मांग को मानते हुए ओआरओपी यानी वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की थी.
OROP latest news 2022 in Hindi
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकान्त तथा जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ में चल रहे वन रैंक वन पेंशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाते हुए आज भारत सरकार को दिशा निर्देश जारी किया है कि OROP का निर्धारण 01 जुलाई 2019 से लागू होना चाहिए तथा तीन महीने के अंदर सारा बकाया एरियर देना होगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है की यह योजना सरकार के नीतिगत फ़ैसले यानी पॉलिसी डिसिजन का ही हिस्सा है तथा न्यायालय का यह कार्य क्षेत्र नहीं है की वह नीतिगत फ़ैसलो से सम्बंधित मामलों में कोई न्यायिक निर्देश दे सके. विशेषज्ञों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला आने से यह निश्चित हो गया है की सरकार के फैसले में ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा.
भूतपूर्व सैनिकों ने इस फैसले को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है तथा उनका कहना है कि इस मामले में सरकार ने शुरूआत से ही नकारात्मक भूमिका निभाकर हमारे संघर्ष को विफल कर दिया है.
सरकार का फैसला बरकरार
सशस्त्र बलों में लागू होने वाले "वन रैंक वन पेंशन" योजना (OROP) से संबंधित मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से केंद्र सरकार को काफी राहत महसूस हुई होगी क्योंकि न्यायालय ने सशस्त्र बलों में "वन रैंक वन पेंशन" योजना शुरू करने के सरकार के तरीके को ही बरकरार रखा जाने का फैसला दिया है. सर्वोच्च न्यायालय के जजों ने अपने फैसले में कहा की हमें OROP के लिए अपनाए जा रहे तरीके में कोई भी संवैधानिक खामी नजर नहीं आ रही हैं. इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट ने इस फैसले को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा सरकार पर उनके संघर्ष को विफल करने का आरोप लगाया.
OROP latest news in Hindi 2019, 2020, 2021, 2022 से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हेतु जैसे ही अपडेट मिलेगी तो आपके साथ जरूर शेयर करेंगे.